बरसात का जिक्र होते ही मन मयूर नाच उठता है । बरसात का जिक्र होते ही मन मयूर नाच उठता है ।
वाकई कितने अच्छे दिन थे। ना किसी की चिंता और ना हो कोई फ़िक्र। वाकई कितने अच्छे दिन थे। ना किसी की चिंता और ना हो कोई फ़िक्र।
"हाँ हाँ, ठीक कह रही हो, परंतु मुझे बेटी नहीं बेटा चाहिए समझी तुम? "हाँ हाँ, ठीक कह रही हो, परंतु मुझे बेटी नहीं बेटा चाहिए समझी तुम?
संघर्षों में मेरा विश्वास था पर शिखा हर बात में भाग्य को कोसती। संघर्षों में मेरा विश्वास था पर शिखा हर बात में भाग्य को कोसती।
तुम्हारे हारे हुए चेहरे देखने आया था मैं।" सिकंदर ने बनावटी मुस्कान के साथ कहा। तुम्हारे हारे हुए चेहरे देखने आया था मैं।" सिकंदर ने बनावटी मुस्कान के साथ कहा।
अरे रुकिए, मैंने अपने बारे में ना कुछ बताया ना ही उनके बारे में | अरे रुकिए, मैंने अपने बारे में ना कुछ बताया ना ही उनके बारे में |